टीचर : प्रसंग सहित व्याख्या करो - "भीगे होंठ तेरे , प्यासा दिल ये मेरा" स्टूडेंट : ये लाइन बॉलीवूड की प्रसिद्ध कवि संत , श्री इमरान हाश्मी जी की रचना 'मर्डर ' की प्रसिद्ध कविता "भीगे होंठ तेरे " से ली गयी है . इस कविता में कवि जब भी, देवी मल्लिका को निर्वस्त्र , नाचते हुए देखता है तो , उनका सब्र टूट जाता है और वो कहते हैं "हे देवी !!!, जिस तरह तुम्हारे , होंठों के अंदर का जल , तुम्हारी प्यास बुझा रहा है ,, उसी तरह मैं भी उसी जल से अपनीं प्यास बुझाना चाहता हूँ ", इन लाइन्स से हमको कवि की कमीने एवम अश्लील होने का एहसास होता है . कवि के भाव सरल एवम स्पष्ट रूप से ठरकी है . उन्होंने बहुत कठोर भावों को , बड़ी सरलता से अपनी रचना में दिखाया है !!
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