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Funny Bank Jokes Collection 26 Nov 2019

एक बड़ी ही सुन्दर महिला जो अक्सर एक बैंक में आया करती थी...,😺😸😆😆
:
उस बैंक के सारे कर्मचारी उस महिला से बड़े ही
प्रभावित थे...,😜😜😜😜
:
और उसे देखने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे...,
:
🤑😛😝सबने मिलकर कैशियर को कह रखा था..
जब भी वो महिला आये तो जोर से आवाज लगाना,
:
"चैक आया रे"
:💎😛😝😆😆😆😝
जब ऐसा 2-4 बार हुआ तो उस महिला को समझ आ गया कि ये आवाज उसके लिए आती है.,
:
एक दिन जैसे ही वो आई...
:
केशियर जोर से चिल्लाया...
:
"चेक आया रे...."
:
वो महिला धीरे-से शरमाई फिर मुस्कुराई..
:
और अपना मंगलसूत्र दिखा कर जोर से बोली...
:
पर Account Payee है रे.!"
😊😂😂😂😂

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😃😃
*स्टेटबैंक की कहानी :*

ज़रूरी नहीं कि
*पापों के प्रायश्चित के लिए* दान पुण्य ही किया जाए।

*स्टेट बैंक में खाता*
*खुलवा कर भी*
 प्रायश्चित किया जा सकता है..

छोटा मोटा पाप हो, तो
 *बैलेंस पता करने चले जाएँ।*

चार काउन्टर पर धक्के खाने के बात पता चलता है, कि *बैलेंस गुप्ता मैडम बताएगी।*

*गुप्ता मैडम का काउन्टर कौन सा है,*
 ये पता करने के लिए
 *फिर किसी काउन्टर पर जाना पड़ता है।*

*लेवल वन कम्प्लीट हुआ।* यानी गुप्ता मैडम का
*काउन्टर पता चल गया है।* लेकिन थोड़ा वेट करना पड़ेगा, क्योंकि *मैडम अभी सीट पर नहीं है।*

आधे घंटे बाद चश्मा लगाए, पल्लू संभालती हुई, 
*युनिनोर की 2G स्पीड से* चलती हुई गुप्ता मैडम
 *सीट पर*
*विराजमान हो जाती है।* 
आप मैडम को खाता नंबर देकर बैलेंस पूछते है।

मैडम 
*पहले तो*
*आपको इस तरह घूरती है,*  जैसे 
*आपने उसकी* *बेटी का हाथ मांग लिया है।* आप भी *अपना थोबड़ा ऐसे*
*बना लेते है*. *जैसे सुनामी में आपका सब कुछ उजड़ गया है,*  और आज की तारीख में आपसे बड़ा 
*लाचार दुखी कोई नहीं है।*

गुप्ता मैडम को 
*आपके*
*थोबड़े पर तरस आ जाता है,* और 
*बैलेंस बताने जैसा भारी काम करने का मन बना लेती है।* लेकिन
*इतना भारी काम, अकेली अबला कैसे कर सकती है?* तो मैडम सहायता के लिए आवाज लगाती है~

*"मिश्रा जीsss, ये बैलेंस कैसे पता करते है?"*

मिश्राजी,
*अबला की* *करुण पुकार सुनकर* अपने
*ज्ञान का* *ख़ज़ाना खोल देते है।*
पहले तो खाते के अंदर जाकर क्लोजिंग बैलेंस पर क्लिक करने पर बैलेंस आ जाता था। लेकिन अभी सिस्टम चैंज हो गया है। अभी आप *f5* दबाएँ, और इंटर मार दे, तो बैलेंस दिखा देगा.."

गुप्ता मैडम 
चश्मा ठीक करती है, *तीन बार मॉनिटर की तरफ और तीन बार की-बोर्ड की तरफ़*  नजर मारती है। 
फिर उंगलियाँ की-बोर्ड पर  *ऐसे फिराती है, जैसे कोई तीसरी क्लास का लड़का वर्ल्ड मैप में सबसे छोटा देश मस्कट ढूंढ रहा हो.*

मैडम फिर मिश्रा जी को मदद के लिए पुकारती है~
"मिश्रा जी,  *ये f5 किधर है..??"*

*शायद मैडम की उम्र पचास से ऊपर होने के कारण*. मिश्रा जी
*पास आकर मदद करने की ज़हमत नहीं उठाते।* 
इसलिए *वहीँ बैठे बैठे*  जोर से बोलते है~
"की बोर्ड में सबसे ऊपर देखिये मैडम.."

"लेकिन सबसे ऊपर तो सिर्फ़ तीन बत्तियां जल रही है.."

"हां उन बत्तियों के नीचे है। लम्बी लाइन है
 *f1 से लेकर f12* तक.."

*फ़ायनली,* 
 मैडम को f5 मिल जाता है। मैडम झट से बटन दबा देती है। मॉनिटर पर आधे घंटे तक  *रेतघड़ी, (कुछ लोग उसे डमरू कहते हैं)*  बनी रहती है।

*अंत में* 
एक मैसेज आता है~
*"Session expired. Please check your connection.."*

*मैडम अपने हथियार डाल देती है।* 
एक नजर, आपके *ग़रीबी-लाचारी से पुते चेहरे पर* 
डालती है और कहती है~ *"सॉरी, सर्वर में प्रोब्लम है.."*

कहने का टोन 
*ठीक वैसा ही*  होता है, जैसे
 *पुरानी फिल्मों में डॉक्टर ओपरेशन थियेटर से बाहर आ कर* कहता था~

*"सॉरी, हमने बहुत कोशिश की*
*पर ठाकुर साहब को*
*नहीं बचा पाए..."*

🤪👍
(इस सत्यकथा का परम आनन्द, केवल भुक्तभोगी ही उठा पाएंगे.)