Some good TWO LINERS collection ...
-: बुलंदी की उडान पर हो तो ,
जरा सब्र रखो।
परिंदे बताते हैं कि ,
आसमान में ठिकाने नही होते ।।
-: चढ़ती थीं उस मज़ार पर चादरें बेशुमार ,
लेकिन बाहर बैठा कोई फ़क़ीर सर्दी से मर गया।।
-: कितनी मासुम सी ख़्वाहिश थी इस नादांन दिल की ,
जो चाहता था कि.. शादी भी करूँ और ....
ख़ुश भी रहूँ ।।
-: छत टपकती है उसके कच्चे घर की , वो किसान फिर भी बारिश की दुआ माँगता है ।।
-: तेरे डिब्बे की वो दो रोटिया कही भी बिकती नहीं ,
माँ ...........
होटल के खाने से आज भी भूख मिटती नहीं ।।
-: इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर " ऐ बेखबर "
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हे....।।
-: सीख रहा हूं अब मैं भी इंसानों को पढने का हुनर ,
सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता है ।।
-: लिखना तो ये था कि खुश हूँ तेरे बगैर भी ,
पर कलम से पहले आँसू कागज़ पर गिर गया ।।
-: " मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए ,
वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुये ।।