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Hindi Shayari Collection For Love WhatsApp Message 19 March 2014

सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से...
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !
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रख् अपने हि पास् अपने सितारे 
ए आसमन्.

हम् खुद् किसिकि आन्ख् के तारे है 
ईन् दिनो
ख़ामोश बैठे हे तो लोग कहते हे उदासी अच्छी नही लगती,,

और ज़रा सा हँस लुँ,तो लोग मुस्कुराने की वजह पुछ लेते हे.!!!!!
"चुपके से धड़कन में उतर जायेंगे,
राहें उल्फत में हद से गुजर जायेंगे,
आप जो हमें इतना चाहेंगे.....
हम तो आपकी साँसों में पिघल जायेंगे." 
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तू छोड़ दे कोशिशें.....
इन्सानों को पहचानने की...!
यहाँ जरुरतों के हिसाब से .... 
सब नकाब बदलते हैं...!
अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर.
हर शख़्स कहता है-
यै दुनिया मैरे कम कि नही!!!
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