पती अपनी बीवी पेट से थी, तो उसकी देखभाल के लिए वो अपनी साली को लेकर ससुराल से अपने गांव लौट रहा था।
उसके हाथों में एक बाल्टी, एक छड़ी, बगल में एक मुर्गी और बकरी की रस्सी थी।
सुहावनी चाँदनी रात थी और साली खूबसूरत और जवान थी।
अचानक साली बोली- जीजाजी, मुझे आपके साथ चलने में डर लग रहा है। कहीं आप कुछ बदमाशी ना करने लगें?
जीजा - अरे, मैं कैसे कोई बदमाशी कर सकता हूँ। मेरे तो दोनों हाथ घिरे हुए हैं, चाह कर भी मैं कुछ नहीं कर सकता।
साली - कैसे नहीं कर सकते? अभी अगर आप छड़ी ज़मीन में गाड़कर बकरी उसके साथ बांध दें और मुर्गी को बाल्टी के नीचे रख दें तो फिर मेरे साथ जो चाहें कर सकते हो आप।